लुआंग प्रबांग, लाओ यात्रा – वीडियो
अगर आपको लगता हैं, अपने देश की मुद्रा ज्यादातर देशों से कमजोर है, चाहते हैं,सस्ती जमीन खरीदना, तो जानिये इस देश को, यहाँ, सिर्फ ₹10,000 यहाँ की मुद्रा millionaire बना देंगी। साथ ही सिर्फ ₹ 50,000 में यहाँ भारतीय भी 1 बीघा जमीन खरीद सकते हैं। यहाँ भगवान बुद्ध के कई मंदिर हैं। जानिये इस दिलचस्प देश के बारें में।
लाओ एक लैंडलॉकेड देश हैं। जिसके पूर्व में वियतनाम, दक्षिण में कंबोडिया पश्चिम में थाईलैंड और उत्तर में म्यांमार और चीन हैं। अपने इस ट्रिप में मैं मुझे लाओ में लगभग 6 हफ्ते से बिताने का मौका मिला।
लुआंग प्रबांग बेहद शांत और खूबसूरत हैं। न आसमान से होड़ लेती बहुमंजिला इमारते, ना ही तेज भागता ट्रैफिक, यहाँ आकर लगता हैं, टाइम मशीन में कही पीछे आ गए। ओल्ड वर्ल्ड चार्म, जहाँ समय जैसे रुक गया हो, प्रकृति का मनमोहक रूप।
मेकाँग और इसकी सहायक नदी – नम खन के किनारे स्थित खूबसूरत लुआंग प्रबांग शहर। ट्रैवेलर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से काम नहीं। शांत जगहों में वक्त बिताने वाले ट्रैवलर के लिए एक अद्भुत स्थल।
लाओ की करेंसी से तुलना करे तो महज दस हज़ार हज़ार भारतीय रूपये – से लाओ की मुद्रा में 1 मिलियन से ज्यादा होते हैं। एक भारतीय रुपया लगभग 125 लाओ की मुद्रा जिसे किप कहते हैं – के बराबर है। लाओ की सबसे छोटी करेंसी नोट 500 और सबसे बड़ा नोट 10,000 किप मूल्य का हैं। लाओ में USD में भी लेन देन कर सकते हैं।
लुआंग प्रबांग में ठहरने के लिए – कई वर्ल्ड क्लास होटल्स के साथ, यहाँ की प्रसिद्ध मेकाँग नदी में – लक्ज़री क्रूज में भी रुकने का आनंद भी ले सकते हैं लुआंग प्रबांग में हर रोज़ हज़ारों विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं।
लुआंग प्रबांग में प्राचीन लाओ के स्ट्रक्चर के साथ यूरोपियन शैली के खूबसूरत फ्रेंच कोलोनियल architecture देखे जा सकते हैं, लाओ में फ्रेंच शसन के अधीन भी रहा, 1954 में लाओ फ्रांस से आजाद हुआ, 1995 में UNESCO ने लुआंग प्रबांग को वर्ल्ड हेरिटेज घोषित किया।
लुआंग प्रबांग में कई अच्छे रेस्टोरेंट हैं, और भोजन के लिए की नाईट मार्किट फ़ूड लवर्स लिए पैराडाइस हैं, लुआंग प्रबांग में भव्य बौद्ध मंदिर हैं।
Mount Phousi रूट में यह – बोधि ट्री, यहाँ पर लिखे बोर्ड में लिखे शब्दों को देखकर हर्ष मिश्रित गर्व की अनुभूति होती हैं कि – भारतीय सरकार की ओर से 1957 में भगवान बुद्ध की 2500 वी जयंती के अवसर पर भेटस्वरुप दिया था, और यह वृक्ष भारत और लाओ के पिछली सदी से सौहार्दपूर्ण सांस्कृतिक संबंधों का गवाह हैं
लुआंग प्रबांग के दर्शनीय स्थलों में से यह हैं रॉयल पैलेस, जहाँ पूर्व में लाओ के राजा रहा कहा करते थे, इसके भीतर भव्य बौद्ध मंदिर, खूबसूरत गार्डन और म्यूजियम हैं – कभी यहाँ राजा राजा निवास किया करते थे ।
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