वैसे तो इस पवित्र शक्ति पीठ के दर्शन हेतु श्रद्धालु वर्ष भर आते रहते हैं। परन्तु चैत्र मास की नवरात्रियों से जून तक श्रद्धालुओं की अपार भीड दर्शनार्थ आती है। चैत्र मास की नवरात्रियों से दो माह तक यहॉ पर मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें श्रद्धालुओं के लिए सभी प्रकार की सुविधायें उपलब्ध कराई जाती हैं।
ये है नानकमत्ता, आज से लगभग 500 वर्ष पूर्व सन 1514 ईस्वी यहाँ गुरुनानक देव आए थे। आज हम Explore करेंगे इसी स्थान को। जानेंगे यहा आप कैसे आ सकते हैं, यहाँ का इतिहास, यहाँ का महत्व, यहाँ कौन से जगह में क्या स्थित है, कहाँ आप भोजन कर सकते हैं, कहाँ रात्री विश्राम कर सकते हैं।
भगवान शिव के एक रूप - बागनाथ जी का स्थान - बागेश्वर - उत्तराखंड राज्य के कुमाऊँ की धार्मिक नगरी और तीर्थस्थल के रूप में सुप्रसिद्ध हैं। बागेश्वर भ्रमण के साथ भगवान श्री बागनाथ जी के दर्शन करें - इस वीडियो टूर द्वारा।
पाताल भुवनेश्वर देवदार के घने जंगलों के बीच अनेक भूमिगत गुफ़ाओं का समूह है | जिसमें से एक बड़ी गुफ़ा के अंदर शंकर जी का मंदिर स्थापित है । 2007 से यह गुफा मंदिर - भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा सरंक्षित हैं।
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हरे भरे जंगल और पहड़ियों से घिरा सुंदर और शांत स्थल हैं नौकुचियाताल।
नौकुचियाताल प्रकृतिक रूप से बेहद सुंदर जगह हैं, अपनी सुरम्यता के साथ यह जगह जानी जाती हैं, यहाँ फ़न और adventure की कई एक्टिविटीज करते हुए यादगार समय बिताया जा सकता हैं।
नैनीताल की खूबुसरती को सबसे पहले दुनिया से परिचित कराने और नैनीताल को बसाने का श्रेय अंग्रेज़ यात्री, लेखक और व्यापारी पी बैरन को जाता हैं, वे अपनी यात्राओं अनुभव से जुड़े लेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में पिल्ग्रिम नाम से भेजा करते थे।
नैनीताल मे प्रवेश करते ही पहले टॅक्सी स्टैंड हैं, और इसके बाद नज़र आता है - रोडवेज़ का बस स्टॉप। जो तल्लीताल मे हैं, यहाँ कुछ होटेल्स भी हैं।
इसके बाद नैनीताल शहर में फोर व्हीलेर्स के प्रवेश के लिए के lake ब्रिज का शुल्क तल्लीताल चेक पॉइंट मे लिया जाता हैं, 2 व्हीलेर्स के लिए कोई चार्ज नहीं लिया...
हल्द्वानी शहर, जो कि नैनीताल जिले मे स्थित हैं और उत्तराखंड के बड़े शहरों मे से एक हैं, से आप परिचित होंगे ही। शहर को 'हल्द्वानी' नाम कैसे मिला? पहले कैसा था हल्द्वानी, ब्रिटीशेर्स से पहले कौन शासन करता था, और हल्द्वानी में मुगल क्यों नहीं कर सकें अधिकार, सहित देखिये शहर हल्द्वानी की दिलचस्प कहानी।
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इस मार्ग में सड़क के किनारे पेराफीट का कलर कॉम्बिनेशन ये अहसास कराते हैं कि - आप आर्मी एरिया में हैं. देवदार, बांज बलूत और चीड के वृक्षों से घिरा ये क्षेत्र है रानीखेत का।
रानीखेत जिसे - क्वीन'स मीडो (queen's meadow) भी कहते हैं - उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले का एक बहुत ही खुबसूरत हिल स्टेशन और छावनी क्षेत्र...