ये है नानकमत्ता, आज से लगभग 500 वर्ष पूर्व सन 1514 ईस्वी यहाँ गुरुनानक देव आए थे। आज हम Explore करेंगे इसी स्थान को। जानेंगे यहा आप कैसे आ सकते हैं, यहाँ का इतिहास, यहाँ का महत्व, यहाँ कौन से जगह में क्या स्थित है, कहाँ आप भोजन कर सकते हैं, कहाँ रात्री विश्राम कर सकते हैं।

About this place

नानकमत्ता की ऐतिहासिक महत्व भी है। इस स्थान पर स्वयं गुरु नानक देव के बाद बाबा अलमस्त साहिब जी, सीख धर्म के छठे गुरु, गुरु हर गोबिन्द सिंह जी भी अलग अलग समय पर आए थे।  

Stay

यहाँ अगर आप रुकना चाहते हैं, तो गुरुद्वारा प्रबंधन से संपर्क कर कमरे उपलब्ध होने पर अपने उपयुक्त पहचान पत्र दिखा कर इसकी व्यवस्था हो जाती है। गुरुद्वारा में आने वालों को रात्री विश्राम के लिए dormatory/ four beded, डबल बेडेड रूम उपलब्ध होने के साथ साथ सितारगंज, खटीमा आदि नजदीकी स्थानो में भी आपको कई अच्छे होटल हो जाते हैं।

Location

ये गुरुद्वारा उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में खटीमा और सितारगंज के बीच खटीमा से 16 km और सितारगंज से 12 किमी0 की दूरी पर स्थित है।

History

सिक्खो के प्रवर्तक और प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी यहाँ सन 1514/ 1508 ? ईस्वी में आए थे।

अधिक जानने के लिए लिए देखें विडियो।

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