Kedarnath Yatra 2023: हेली सेवा का ये रहेगा किराया।

केदारनाथ यात्रा आमतौर पर अप्रैल या मई के महीनों में शुरू होती है और नवंबर प्रथम सप्ताह तक चलती है। हालाँकि, क्षेत्र में मौसम की स्थिति के आधार पर तिथियाँ भिन्न हो सकती हैं। इस वर्ष यह 25 अप्रैल से शुरू हो रही है।
चार कंपनियों को हेली  सेवा संचालन के लिए चयन कर लिया है।

UCADA के नये अनुबंध के बाद फाटा से Pawan Hans पवन हंस, Kestrel Aviation केस्ट्रल एविएशन और सिरसी से Himalayan Heli हिमालयन हेली, केस्ट्रल एविएशन के माध्यम से हेली सेवा संचालित की जाएगी।

गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम के लिए संचालित होने वाली हेली सेवा की दोबारा  टेंडर प्रक्रिया चल रही है। पूर्व में एक ही कंपनी से टेंडर भरा गया था,  जिससे UCADA ने हेली कंपनियों से पुनः टेंडर आमंत्रित किए हैं।

Phata फाटा से Kedarnath केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा से आने-जाने का  किराया प्रति यात्री ₹5500  और सिरसी से केदारनाथ के लिए ₹5498 रुपये तय  किया गया।

हेली सेवाओं के टिकट की Online बुकिंग के लिए IRCTC आईआरसीटीसी से अनुबंध किया जाना है। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। यदि  यात्रा शुरू होने तक एमओयू में विलंब होने की स्थिति में UCADA के माध्यम  से टिकटों की बुकिंग की जाएगी।

केदारनाथ हेली सेवा के लिए अप्रैल के प्रथम सप्ताह से टिकटों की बुकिंग शुरू हो सकती है। केदारनाथ धाम के कपाट 2023 में 25 April  को खुल रहे है।

यह भी देखें।

Things should be kept in mind while travelling new places

Before traveling to a new place, consider the following preparations:

  1. Research the destination: Familiarize yourself with the culture, customs, laws, and language of the place you’re visiting.
  2. Plan your itinerary: Make a list of the places you want to visit, estimate the costs, and book accommodations if necessary.
  3. Obtain necessary documents: Check the visa requirements and make sure you have a valid passport, driver’s license, and travel insurance.
  4. Pack appropriately: Pack clothing and items suitable for the climate and activities you have planned.
  5. Stay informed: Stay up-to-date on local news and any travel warnings or alerts issued by your government.
  6. Keep copies of important documents: Keep electronic and physical copies of your passport, travel insurance, and other important documents in a safe place.
  7. Learn basic phrases: Learning basic phrases in the local language can be helpful in navigating the destination and communicating with locals.
  8. Respect local customs and laws: Be mindful of cultural differences and obey local laws and regulations.
  9. Stay safe: Familiarize yourself with emergency procedures, including the local emergency number, and take basic safety precautions, such as not carrying large amounts of cash or displaying valuables in public.

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उत्तराखण्ड में 10 दिन की छुट्टियों में कहाँ ज़ाया जा सकता है!

यात्रा करना, अपने व्यक्तित्व को निखारने, नई चीजें सीखने के लिए सबसे अच्छे तरीकों में से एक है। हर कोई अपने दिन-प्रतिदिन की दिनचर्या में व्यस्त है, लेकिन अगर आपके पास कम दिनों की छुट्टी है, और आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ सही तरीके से उत्तराखंड को घूमना चाहते हैं, तो यहां 10 दिनों में उत्तराखंड की यात्रा में नीचे दिये गये स्थानों को ध्यान में रख अपना टूर प्लान कर सकते हैं :

Dehradun Uttarakhand

Dehradun Uttarakhand

दिन 1-2: देहरादून पहुंचें और टपकेश्वर मंदिर, FRI, रॉबर्स केव और सहस्त्रधारा जैसे स्थानीय आकर्षण देखें।

दिन 3-4: ऋषिकेश ड्राइव करें और परमार्थ निकेतन और नीर गढ़ जलप्रपात सहित आश्रमों और मंदिरों का पता लगाएं।

दिन 5-6: मसूरी के लिए ड्राइव करें और गन हिल, केम्प्टी फॉल्स और कैमल्स बैक रोड जैसे लोकप्रिय आकर्षणों पर जाएँ।

Dehradun to Mussoorie Journey

Dehradun to Mussoorie Journey Popcorn Trip

दिन 7-8: औली ड्राइव करें और प्राकृतिक सुंदरता, स्कीइंग और ट्रेकिंग के अवसरों का आनंद लें।

दिन 9-10: ड्राइव करके जोशीमठ जाएं और प्रसिद्ध नरसिंह मंदिर जाएं और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की सैर करें।

यह केवल एक टूर प्लान है, और इसे व्यक्तिगत रुचियों और समय की उपलब्धता के आधार पर बदलाव किया जा सकता है। आशा है कि आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी।

PopcornTrip चैनल पर यात्रा वीडियो देखकर अन्य विभिन्न स्थानों को जानें।

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Dehradun to Mussoorie Road Journey Guide

The road journey from Dehradun to Mussoorie is approximately 35 kilometers and takes about 1-2 hours depending on traffic, tourist season and road conditions. The route is well-connected by a good network of roads, and the journey is scenic, passing through beautiful mountains, valleys and forests. The most common route to take is via NH734 and the winding road, with a number of hairpin bends and steep inclines, offers picturesque views of the Doon valley and the surrounding hills.

Clock Tower

Clock Tower Dehradun

There are several modes of transportation available to make the journey, including:

  1. Bus: There are frequent bus services that run between Dehradun and Mussoorie, operated by the state-run Uttarakhand Transport Corporation (UTC). Anyone can get bus from Mussoorie Bus Stand near Dehradun Railway station.
  2. Taxi: You can also hire a taxi or a cab to take you from Dehradun to Mussoorie.
  3. Private car or two wheeler: You can also drive your own car, but be prepared for winding roads and steep inclines.
A Rainy Day in Dehradun

A Rainy Day in Dehradun

It is recommended to check the road condition in advance as the route is prone to landslides during monsoon season, and it’s better to plan your journey accordingly.

Parking in Mussoorie

Mussoorie has several parking options available, including on-street parking, municipal parking lots, and private parking lots. Some popular parking locations in Mussoorie include the Gandhi Chowk parking area, the Library Chowk parking area, and the Municipal Garden parking area. It’s also possible to find parking on the side streets near popular tourist attractions. It’s important to be aware of any parking restrictions or fees that may apply in certain areas. It is advised to check for parking information with local authorities before embarking on the trip.

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How to be updated and get latest travel related information about Uttarakhand

There are many ways to get information about travel places in Uttarakhand:

  1. Visit the official website of Uttarakhand Tourism Development Board (UTDB) – It provides detailed information about various tourist destinations, including information on how to reach there, things to do and places to stay.
  2. Check out travel blogs and review sites – There are many travel bloggers and reviewers who have visited Uttarakhand and have written about their experiences. Websites like TripAdvisor, Lonely Planet and Frommer’s are a great source of information.
  3. Read local newspapers and publications – Local newspapers and publications often feature articles about travel destinations in Uttarakhand.
  4. Ask for recommendations from friends, family, Hoteliers or locals – if you know someone who has recently visited Uttarakhand, ask them for their recommendations and their experiences.
  5. Use a travel guidebook – Many travel guidebook publishers have guidebooks dedicated to Uttarakhand which have information on history culture and popular tourist destinations.
  6. Utilize Social media – Many travel agencies, hotels, and tour operators have social media accounts where they post pictures, videos and information about their offerings.
  7. Contact a travel agent – A travel agent can help you plan your trip and provide you with information about travel places in Uttarakhand.

It’s always a good idea to do a mix of these methods to get a well-rounded view of the places and make a plan accordingly.

To Explore Uttarakhand various treks and places you also can visit our YouTube channel – PopcornTrip

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पहाड़ों की यात्रा में नहीं होगी मुश्किल, अगर ये प्रो टिप्स जान लें तो।

बाइक से आयें या कार से,  पहाड़ी रोड पर घुमावदार मोड़ों से सफर करते हुए अक्सर लोग परेशान हो जाते हैं – तब यह 10 टिप्स यकीनन आपके ट्रैवल अनुभव को बदल देंगी, और आप पर्वतीय क्षेत्रों बार बार आना चाहेंगे।

पहाड़ी रास्तों में चलते हुए वाहन में, कोई पुस्तक पढ़ने, मोबाइल अथवा लैपटॉप के स्क्रीन में देखने से बचें, क्योंकि मोशन के विपरीत किसी भी चीज पर ध्यान देने कई सर  दर्द, चक्कर  आने, मितली  आने  जैसी  कई  परेशानियां हो सकती है, जितना संभव हो अपने सामने की ओर देखें, और सामने देखने का मन ना हो तो आंख बंदकर रिलैक्स हो सकते हैं।

कपड़ों का चयन क्रेते हुए ध्यान रखें – सर्दियों में डेनिम की जगह, कॉर्डरॉय क्लोधिंग ठंड रोकने के लिए अधिकार कारगर है, साथ ही मौसम के अनुसार कपड़ों रखें, पहाड़ी डेस्टिनेशन  में जितने हाई एल्टीट्यूड में जाएंगे, ठंड उतनी ही ज्यादा होगी।

पहाड़ों में सफर करते हुए कान ढ़क कर रखें क्योंकि यहां बहती ठंडी हवाओं में नमी भी होती है कान में जाने से परेशानी हो सकती है।

पहाड़ी घुमावदर रोड्स में एक दिन में डेढ़ ज़्यादा से ज़्यादा डेढ़ सौ से  दो सौ किलोमीटर तक ही यात्रा करें, तेज़ी से मौसम बदलने से परेशानी हो सकती है, आसपास के नजारों का आनंद लेते हुए धीरे-धीरे चलें और ठहरते हुए आगे बढ़े।

पहाड़ी सड़कों पर दिन में ही ड्राइव करें, शाम होने से पहले कहीं रुक जाएं रात में होटल मिलने में परेशानी होगी, क्योंकि पहाड़ों में ज्यादातर जगहों पर स्थानीय बाजार शाम को जल्दी बंद हो जाती है। पहाड़ों में आते हुए अपने वाहन में पर्याप्त ईधन रखें, क्योंकि पेट्रोल पंप के मध्य कई जगह बहुत दूरी है।

घर से बाहर भोजन कुछ अलग स्वाद का मिलता है, इसलिए बाहर का फ़ूड लेते हुए, आप सामान्यतः जितना लेते हैं उसका आधा यह दो तिहाई ही लें, जिससे अगर वो अनुकूल न भी हो, तो भी पाचन में अधिक दिक्कत नहीं होगी। सलाद  की मात्रा बढ़ा  लें।

पहाड़ों में घूमते समय ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है, ज्यादा पसीना बहता है, जिससे डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इससे बचने के लिए अपने साथ एनर्जी ड्रिंक्स अथवा इलेक्ट्रोल रखें, और नियमित अंतराल पर लेते रहें।

पहाड़ों में गूगल मैप को ऑफलाइन डाउनलोड करके रखें, क्योंकि इंटरनेट कनेक्टिविटी हर जगह नहीं है, किसी दुविधा की स्थिति में स्थानीय लोगों से भी जानकारी ले लें, कई जगह नए रास्ते बन रहे हैं, और कई मार्ग बंद हो चुके है।

मोड़ों पर कभी भी overtake करने की कोशिश ना करें, भले ही कितनी ही जल्दी में आप हो, कभी मोड़ो पर अचानक से कोई अनचाहा ऑब्जेक्ट जैसे कोई वन्य प्राणी या पहाड़ी से गिरकर आया कोई पत्थर/ मलबा हो सकता है, साथ ही पहाड़ी सड़कों पर अपने वाहन को तय गति सीमा में ही रखें, पहाड़ी सड़के तेज रफ्तार वाहनों के लिए नहीं बनी है

अगर यात्रा मैं आपका बजट कम हो या कुछ नया करना चाहते हैं, तो किसी किसी छोटी, कम जानी पहचने स्थान में रात्रि विश्राम कर सकते हैं, हो सकता है –  इन जगहों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी अथवा कुछ दूसरी सुविधाएं ना मिले।

उम्मीद है यह कुछ बातें आपके पहाड़ों में सफर के अनुभव को और भी बेहतर बनाए रखने में आपकी सहायता करेंगी शेयर करें आपके मित्रों के साथ जो पहाड़ों की यात्रा में निकलने वाले हैं।

देखें video :

चंडीगढ़, सिटी ब्यूटीफुल

Chandigarh –  The city beautiful.  न सिर्फ भारत की सबसे खूबसूरत प्लैन्ड सिटी है, बल्कि दुनिया के कुछ सबसे खूबसूरत शहरों में गिना जाता है।

शहर के नाम पढ़ा यहाँ के मंदिर में माँ चंडीदेवी के नाम से। वैसे चंडीगढ़ का इतिहास बहुत पुराना माना जाता है – 8000 वर्ष पूर्व हड़प्पाकाल से, तब के मानवों के यहाँ रहने के वैज्ञानिक प्रमाण मिलते है।

लेकिन हम जिस चंडीगढ़ की सैर करेंगे, उसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू,  जो यूरोप के तत्कालीन आर्किटेक्चर से प्रभावित थे, और भारत की आजादी मिलने के बाद दुनिया को बताना चाहते थे कि – भारतीय शहर भी आधुनिक हो सकते है। इसी क्रम मे चंडीगढ़ को डिजाइनर सिटी बनाने के लिए फ़्रांस के प्रसिद्ध वास्तुकार और डिजाइनर ले कूरबुसीअर की सेवाये ली, 1960 में वर्तमान चंडीगढ़ की नीव पड़ी।

आज भी चंडीगढ़ क नए समय की जरूरतों और नई चुनौतियों के साथ चंडीगढ़  खूबसूरती को नया आयाम देने के लिए नई चीजें जुड़ती रहती है।

देश के दो राज्यों पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ के केंद्र शासित प्रदेश हैं, चंडीगढ़ के निकट माँ चण्डिका देवी का मंदिर है, और उन्हीं के नाम से शहर को यह नाम मिला।

चंडीगढ़ को डिज़ाइन करते हुए सेक्टरस मे बांटा गया। चंडीगढ़ के सेक्टर १, जो चंडीगढ़ का शीर्ष भाग यानि हेड माना जाता है में है, सबसे अधिक greenery है यहाँ वाइल्ड लाइफ़ का आनंद भी लिया जा सकता हैं।

कैपिटल कॉम्प्लेक्स में चंडीगढ़ के स्प्रिट के प्रतीक – Open hand monument, – जो इस भावना के साथ बना है कि – देने के लिए और लेने के सदैव तैयार।

कैपिटल कॉम्प्लेक्स में – मेटल का बना ओपन हैंड 14 मीटर ऊंचा और 50 टन वजन का है। जमीन से इसकी ऊंचाई 25 मीटर है। यह हाथ के साथ, हवा की दिशा के साथ घूमता रहता है।

कैपिटल कॉम्प्लेक्स को यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थलों में एक हैं। यहाँ Le Corbusier के अद्भुत वास्तु शिल्प को देखा जा सकता है। यहाँ तीन मुख्य भवन है। जो आमने सामने हैं।

  1. विधान सभा – यहाँ एक ही भवन के दो हिस्सों में पंजाब और हरियाणा की विधानसभा चलती है।
  2. यहाँ दोनों राज्यों के सचिवालय भवन हैं।
  3. उच्च न्यायालय में उच्च न्यायालय संग्रहालय है।

रॉक गार्डन 

चण्डीगढ़ का रॉक गार्डन 35 एकड़ में फैला है, यहाँ विभिन्न कलाकृतियाँ देखी जा सकती है।  दिलचस्प बात यह है – कि इसे पूरी तरह से घरेलू कचरे और अन्य औद्योगिक वस्तुओं के कचरे से बनाया गया है।

  1. यहाँ दिख रही मूर्तियों का निर्माण चूड़ियों, चीनी मिट्टी के बर्तनों, टाइलों, बोतलों और बिजली के कचरे जैसी वस्तुओं का उपयोग करके किया गया है। यहाँ गार्डन लैंडस्केप, वास्तुकला, मूर्तिकला और पौराणिक कथाओं का मिश्रण है। रॉक गार्डन के स्थापना  नेक चन्द जी ने 1957 में अपने खाली समय में गुप्त रूप से, इस गार्डन का निर्माण शुरू किया था। गार्डन की संरचना लॉस्ट किंगडम की कल्पना पर आधारित है। इसमें प्रांगण की तरह 14 अलग-अलग कक्ष हैं। तीज पर्व में रॉक गार्डन उत्सव का रूप धारण कर लेता है और यह पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण रखता है।

सुखना लेक

सुखना झील एक 3 वर्ग किमी की वर्षा आधारित कृत्रिम झील है, जिसे 1958 में शिवालिक पहाड़ियों से नीचे आने वाली मौसमी धारा सुखना चो को रोककर बनाया गया था।  शीत काल के समय सूखना झील कई विदेशी प्रवासी पक्षियों जैसे – साइबेरियाई बत्तख, सारस के लिए एक अभयारण्य है। सुखना झील, एशिया में चापू वाली नौका विहार और नौकायन कार्यक्रमों के लिए सबसे लंबी वाहिका/चैनल है।

रोज़ गार्डन

रोज़ गार्डन या जाकिर रोज़ गार्डन का नाम पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के नाम पर रखा गया है, इस सुंदर गार्डन को 1967 में तैयार किया गया था। यह पार्क 10 acer में फ़ैला हैं और यहाँ गुलाब के पुष्प की 1600 से अधिक प्रजातियाँ के साथ ३२५०० से अधिक पेड़ों और औषधिक पौधे हैं। जिनमे से कई दुर्लभ प्रजातियाँ हैं। यहाँ विज़िटर्ज़ के लिए जॉगिंग ट्रेक भी है। इस पार्क में फ़ुरसत के समय बैठ कर अच्छा वक्त बिताया जा सकता है।

चंडीगढ़ बर्ड पार्क को चंडीगढ़ फॉरेस्ट के देख रेख में, सुखना झील के समीप वन्य क्षेत्र में पक्षी संसार से परिचित होने तथा इनके संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विकसित किया है। 16 नवंबर, 2021 को चंडीगढ़ बर्ड पार्क का उद्घाटन किया गया।

बर्ड पार्क

पक्षियों और विजिटर्स के बीच मे कोई दीवार या जाल नहीं हैं – इसलिए एकदम सामने से पक्षियों को देखने का अनुभव अद्भुत हैं। यहाँ पंछियों को उड़ान के साथ जमीन मे विचरण के लिए इस तरह से स्थान उपलब्ध कराया गया हैं कि – विजिटर्स के आने के बाद भी उन्हें पर्याप्त निजी स्थान मिले। ऐसा माना जाता है कि यह संरचना पक्षियों के पार्क के रूप में देश की सबसे ऊंची संरचना हैं।

इस पार्क के मुख्य आकर्षण अफ्रीकी लव बर्ड्स, बुडगेरिगर, व्हाइट स्वान, ब्लैक स्वान, वुड डक, गोल्डन तीतर, येलो गोल्डन तीतर, ग्रीन विंग मैकॉ, डन कॉनर्स, अफ्रीकी ग्रे तोता, फिंच और मेलानिस्टिक तीतर हैं।  चंडीगढ़ बर्ड पार्क में जलीय, स्थलीय और टैमड सहित विभिन्न विदेशी पक्षी प्रजातियां हैं।

देखें विडीयो

सैक्टर 17

सैक्टर 17 या शहर के केन्द्र की वजह से केन्द्रीय स्थान और वाणिज्यिक केन्द्र होने के अपने महत्त्वपूर्ण कार्य से, ल कार्बूज़िये द्वारा नगर के दिल के रूप में माना जाता था। नगर के केन्द्र में 240 एकड़ के क्षेत्र को अधिकृत करता, एक केन्द्रीय चौक या पियाज़ा है जो किसी भी वाहन यातायात से मुक्त है जो आदर्श रूप से सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों और अन्य उत्सव मण्डलों के लिए अनुकूल है जो भारतीय जीवन पद्धति के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। शहरी केन्द्र शहर का महान बाहरी शहरी स्थान है और पूरे परिवार के लिए खरीदारी, भोजन और मनोरञ्जन के लिए कई विकल्प प्रदान करता है। ई कार्ट को हाल ही में आगन्तुकों की आसानी के लिए जोड़ा गया है।

चंडीगढ़ के कुछ होटेल्स/ गेस्ट हाउस

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AirBnB से Home-Stay बुकिंग में रखें सावधानियाँ !

पिछली यात्रा में, विभिन्न स्थानों में ठहरने के लिए ज़्यादातर एयर बीएनबी द्वारा बुक करायी।

इसके पीछे ख्याल यह था कि – एक तो वो होटल जैसे औपचारिक नहीं होंगे, दूसरा अपने घरों के साथ मिलने वाले किचन में अपने मानकों के आधार पर खुद ही बनाकर हाईजीन भोजन लिया जाये।

कुछ जगहों पर अपेक्षित घर मिले – जहां रूम के साथ attached किचन भी था, और भोजन बनाने के लिए गॅस स्टोव और बर्तन भी, हालांकि हम खाना बनाने के लिए/ खाना सर्व करने के अपने बर्तन स्वयं ही साथ ले गए थे, जिससे कुछ अतिरिक्त वजन साथ ले जाना पड़ा, लेकिन यह सब इसलिए कि यात्राओं के दौरान लगातार अनियमित और अनियंत्रित खानपान से सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

कुछ ऐसे भी प्रोपेर्टिस मिली – जो असल मे होटल थे, और होम की तरह उपरोक्त एप मे लिस्टेड थे, उनसे चेक इन के बाद उनसे किचन के बारें मे पूछा – उन्होंने बताया हाँ हमारी अपनी किचन है – आप मेनू से ऑर्डर कर लो, खाना वहीं से आएगा।

एक प्रॉपर्टी ऐसी थी – जो किसी अपार्टमेंट बिल्डिंग का फ्लोर थी – पहले बिल्डर ने इस अपार्टमेंट को बेचने का सोचा था, लेकिन बिक नहीं पाया तो, उन्होने एप पर लिस्ट करके ऐसे रूम किराए पर देने शुरू कर दिये। 3 BHK के तीनों कमरे तीन अलग अलग अतिथियों को देकर एक कॉमन किचन दे दिया – जहां कुकिंग के लिए आपको अपनी बारी का इंतजार करना होता, और कहीं कोई पहले वाले का तैयार किया नॉन – वेज बिखरा हो, फिर शुद्ध शाकाहारी परिवार क्या करे!

कुछ लोगों ने दूसरों घरों को किराए पर कमरे लेकर ऐसे रेंट आउट करना शुरू दिया हैं, अब क्योकि ऐसी जगह ओनर की जगह केयर टेकर द्वारा managed होती है तो फिर सफाई और स्वच्छता, बस रेलवे स्टेशन के निकट सस्ते होटेल्स के कमरों सी थी। धूल और सीलन की गंध के बीच मकड़ी के जाले/ cockroaches के झुंड उत्सव मनाते दिखे।

कुछ स्थान अच्छे तो थे लेकिन उस स्थान से बहुत दूर, जहां आपने जाना था। कुछ अधूरी अथवा गलत जानकारी के साथ लिस्टेड थी।

कुल मिलकर आप जब भी इस एप से बूकिंग कराएं तो यह मान कर न बैठे कि – जो आप बूक करा रहें वह कोई घर या घर का एक हिस्सा ही होगा। बुकिंग से पूर्व होस्ट से सवाल पूछ कर अपने confusion दूर किए जा सकते है।

कई ऐसी प्रॉपर्टीस, जो हमारे मानकों में ठीक नहीं थी, किसी और के नजरिए से ठीक हो सकती है – क्योकि हमारे हिसाब से जिस प्रोपेर्टी की रेटिंग 2 स्टार से भी कम होनी चाहिए थी, उनकी औसत रेटिंग 4.5 स्टार से ज्यादा थी, हाँ कुछ प्रॉपर्टीस जो नयी लिस्टेड थी और जिनकी कोई रेटिंग नहीं थी – बहुत अच्छी भी थी।

यात्राओं के दौरान ठहरने के लिए सहीं स्थान प्राप्त करना भी एक कला है।

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