विश्व गौरैया दिवस पर विशेष

admin
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गौरैया की चहचहाना – ह्रदय को प्रफुल्लित कर देता है। चिंताजनक हैं किं – कीटनाशकों और आदमी की आधुनिक जीवनशैली से गौरैया की प्रजाति संकट में है।

अपने घर के आस पास पानी और दाने बिखेर कर गौरैया संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं।

गोरैया एक छोटी चिड़िया है। यह हल्की भूरे रंग या सफेद रंग में होती है। इसके शरीर पर छोटे-छोटे पंख और पीली चोंच व पैरों का रंग पीला होता है। नर गोरैया का पहचान उसके गले के पास काले धब्बे से होता है। 14 से 16 से.मी. लंबी यह चिड़िया मनुष्य के बनाए हुए घरों के आसपास रहना पसंद करती है। यह लगभग हर तरह की जलवायु पसंद करती है पर पहाड़ी स्थानों में यह कम दिखाई देती है। शहरों, कस्बों गाँवों और खेतों के आसपास यह बहुतायत से पाई जाती है। नर गौरैया के सिर का ऊपरी भाग, नीचे का भाग और गालों पर पर भूरे रंग का होता है। गला चोंच और आँखों पर काला रंग होता है और पैर भूरे होते है। मादा के सिर और गले पर भूरा रंग नहीं होता है।

देखें वीडियो में गौरया के साथ कुछ दिलचस्प पल

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