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संक्रमित करने वाले वायरस की वैश्विक समस्या से बचने के लिए – खुद को isolate रख कैसे वक्त गुजारें, कामकाज के अभ्यस्त हो या हो सामाजिक जीवन में व्यस्त, उनके लिए दुविधा हैं कि टीवी देखने और सोशल मीडिया में वक्त गुजारने के अतिरिक्त क्या करें। ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब हैं इस पोस्ट में।
कुमाऊँ के प्रवेश द्वार के नाम से जाना जाने वाला स्थान -हल्द्वानी से खूबसूरत अल्मोड़ा की सड़क यात्रा। इस विडियो में आप देखेंगे हल्द्वानी से कैसे हमने अपना सफर की शुरुआत की, हल्द्वानी के बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन से होते हुए, काठगोदाम, रानीबाग, भीमताल, भवाली, कैंची आश्रम, गरमपानी, खैरना, सुयालबाड़ी, क्वारब, लोधिया होते हुए अल्मोड़ा पहुचे।
रूपकुंड ट्रेक (नंदा राजजात यात्रा ) में जब देवीय शक्ति ने बचायी जान।
भूखे प्यासे, सार्ड रात में बारिश में कैसे गुजारी रात, सुनिए यह रोमाचंक कहानी।
लाहिड़ी महाशय के लिए उस समय तक रहस्मय संत ने अंग्रेजी में उत्तर दिया – The office is brought for you, and not you for the office (ऑफिस तुम्हारे लिए लाया गया हैं, तुम ऑफिस के लिए नहीं)
वैसे तो इस पवित्र शक्ति पीठ के दर्शन हेतु श्रद्धालु वर्ष भर आते रहते हैं। परन्तु चैत्र मास की नवरात्रियों से जून तक श्रद्धालुओं की अपार भीड दर्शनार्थ आती है। चैत्र मास की नवरात्रियों से दो माह तक यहॉ पर मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें श्रद्धालुओं के लिए सभी प्रकार की सुविधायें उपलब्ध कराई जाती हैं।
कर्णप्रयाग, उत्तराखंड का एक प्रमुख ऐतिहासिक नगर है। उत्तराखंड के महत्त्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण All Weather Road का एक प्रमुख पढ़ाव भी है। जानिए कर्णप्रयाग के इतिहास, आकर्षण, कैसे यहाँ पहुचें आदि के साथ ढेरों जानकारियाँ…
गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में मान्यता मिलना, उत्तराखंड के अपेक्षाकृत कम विकसित – पर्वतीय भूभाग के विकास के लिए अच्छी शुरुआत हो सकती हैं। आइये देखें कैसा हैं – गैरसैण।
इस विडियो टूर मे हैं – उत्तराखंड के एक छोटे से हिल स्टेशन ग्वालदम से बधानगढ़ी मंदिर का ट्रेक, जानेंगे यहाँ कैसे जाते हैं।
अगर आपको लगता हैं, अपने देश की मुद्रा ज्यादातर देशों से कमजोर है, चाहते हैं,सस्ती जमीन खरीदना, तो जानिये इस देश को, यहाँ, सिर्फ ₹10,000 यहाँ की मुद्रा millionaire बना देंगी। साथ ही सिर्फ ₹ 50,000 में यहाँ भारतीय भी 1 बीघा जमीन खरीद सकते हैं। यहाँ भगवान बुद्ध के कई मंदिर हैं। जानिये इस दिलचप्स देश के बारें में।
उखीमठ – चोपता मार्ग में उखीमठ से लगभग 4 किलोमीटर, और चोपता से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तिराहा, और इस तिराहे से 4 किलोमीटर दूर हैं – सारी विलेज।
छोलिया (या छलिया) उत्तराखंड के कुमायूँ क्षेत्र में प्रचलित एक प्रसिद्ध नृत्य शैली है। यह मूल रूप से एक विवाह के समय जाना वाला तलवार नृत्य है, जिसे कई अन्य कई शुभ अवसरों पर भी किया जाता है।
ये है नानकमत्ता, आज से लगभग 500 वर्ष पूर्व सन 1514 ईस्वी यहाँ गुरुनानक देव आए थे। आज हम Explore करेंगे इसी स्थान को। जानेंगे यहा आप कैसे आ सकते हैं, यहाँ का इतिहास, यहाँ का महत्व, यहाँ कौन से जगह में क्या स्थित है, कहाँ आप भोजन कर सकते हैं, कहाँ रात्री विश्राम कर सकते हैं।
भगवान शिव के एक रूप – बागनाथ जी का स्थान – बागेश्वर – उत्तराखंड राज्य के कुमाऊँ की धार्मिक नगरी और तीर्थस्थल के रूप में सुप्रसिद्ध हैं। बागेश्वर भ्रमण के साथ भगवान श्री बागनाथ जी के दर्शन करें – इस वीडियो टूर द्वारा।
भगवान तुंगनाथ जी की डोली – शीतकाल में तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद मक्कु में लायी जाती है। और यहाँ के प्रसिद्ध मक्कुमठ में स्थापित की जाती है।