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हल्द्वानी से भीमताल, भवाली, कैंची होते हुए अल्मोडा का यात्रा वृतांत

हल्द्वानी कुमाऊँ का प्रवेश द्वार, जहां से कई पहाड़ी क्षेत्रों जैसे अल्मोडा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, रानीखेत, मुक्तेश्वर, बिनसर सहित अन्य कई स्थानों के लिए मार्ग है, और अल्मोडा जो उत्तराखण्ड का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्मृति चिन्ह समेटे हुए है।

हल्द्वानी – भीमताल रूट में आगे बड़े, हल्द्वानी और काठगोदाम से जैसे ही आगे बढ़े, चढ़ाई मिलने लगी, मार्ग में एक स्थान है – सलड़ी, जहां बस, टैक्सी, या आते जाते जाते यात्री भोजन जलपान के लिए रुकते है, अच्छी लोकेशन के साथ यहाँ सड़क के किनारे कई जल स्रोत है, जिनमे स्वच्छ मिनरल पानी का स्वाद लिया जा सकता है। यहाँ से काठगोदाम का दृश्य काफ़ी सुंदर नज़र आता है, अगर मौसम साफ़ और उसमे धुंध ना हो तो। 

हल्द्वानी से भीमताल 28 किलोमीटर के पर्यटकों के बीच लोकप्रिय स्थान है, यहाँ नैनीताल ज़िले की सबसे बड़ी झील है, यह मान्यता है कि इस झील का निर्माण द्वापर युग में भीम ने किया था। यहाँ ताल के एक सिरे पर भीम को समर्पित भीमेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। भीमताल के एक मार्ग नैनीताल ज़िले की ही एक अन्य खूबसूरत नौ कोनों वाले ताल नौकुचियाताल को जाता है। 

Bhimtal Uttarakhand

Bhimtal Uttarakhand

भीमतालभवाली मार्ग से हमारा सफ़र आगे बड़ा, भीमताल की इस चदाई से में खूटानी नाम के स्थान से दायी और जाती दायी ओर जाती सड़क स्थानीय क़स्बों जैसे पदमपुरी, धानाचूली, रामगढ़, मुक्तेश्वर को भी जाती है। 

खुटानी तिराहे से थोड़ा आगे आने पर बायीं और जाती यह सड़क ज़िले के एक और खूबसूरत ताल – सातताल तक ले कर जाती है। सातताल प्रकर्ति और पक्षी प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है, जहां आम ज़िंदगी की दौड़ भाग से दूर शांति से दिन गुज़ारा जा सकता है। 

Bhowali

भवाली जो की भीमताल से लगभग ८-१० किलोमीटर की दूरी पर है, भवाली एक ठंडी जगह और आस पास के क्षेत्रों के लिए फलों की मंडी है। भवाली से पहाड़ों के कई स्थानों के लिए रॉड्स है, यहाँ से एक रोड नैनीताल को और एक दूसरा रोड ज्योलीकोट होते हुए हल्द्वानी को जाती है। भवाली से ढलान को जाती सड़क निगलाट होते हुए कैंची पहुँचती है, हमारे सफ़र का अगला पड़ाव। भवाली से कैंची की दूरी 8 किमी है। कैंची धाम, महान संत बाबा नीम करौरी जी के नाम से विख्यात है।

सोशल मीडिया में और दुनिया भर के सेलिब्रिटीज़ के बाबाजी पर आस्था रखने और उनके विजिट के बाद चर्चा में आने से पिछले कुछ समय में यहाँ आवाजाही काफ़ी बढ़ गई है। यहाँ देश और दुनिया भर से कई नामी हस्तियों ने बाबा के दर्शन किए हैं या उनके निर्वाण के बाद आश्रम में विजिट किया है। जिससे इस स्थान को प्रिंट और सोशल मीडिया में सुर्ख़ियों में रहने से यहाँ दर्शनार्थियों की आवाजाही लगी रहती है। मंदिर से समीप ही वाहनों के लिए पार्किंग और सड़क के दोनों और restaurant, गेस्ट house इत्यादि हैं।

Kainchi dham

कैंची से आगे जाते हुए रातीघाट, गरमपानी, खैरना होते हुए कुछ आगे बढ़ दो मार्ग दिखते हैं, जिसमें बायीं ओर जाती सड़क रानीखेत और सीधा अल्मोडा के लिये है, जहां से हमने आगे जाना है।कैंची के बाद कुछ ही मिनट्स में जिस क़स्बे में पहुचते है उसका नाम है खैरना, यह है खैरना की बाज़ार, यहाँ भी सीजनल फल और सब्ज़ियाँ उल्पब्ध हो जाती हैं। 

खैरना में सड़क के किनारे बहती नदी और उससे आगे पहाड़ियों को देख यात्रा प्रकृति की वादियों और विविधताओं के देखते हुए कब 10-20 किलोमीटर और आगे बाद जाते है, पता नहीं चलता। खैरना के बाद कुछ देर मोड़ कम हो जाते है, और मैदानी सड़क में चलने सा एहसास होता है। छड़ा, चमड़ियाँ, काकड़ीघाट, सुयालबाडी होते हुए पहुँचे, क्वारब, यहाँ से भी मुक्तेश्वर, रामगढ़ के लिए अलग सड़क जाती है। 

क्वारब के बाद पुल पार कर ये स्थान है एक शांत स्थान में हनुमान जी को समर्पित मंदिर स्थित है।

अलमोड़ा के दूरी यहाँ से लगभग 10 किलोमीटर है। यहाँ से बायीं और को हाल में सड़क बनी है, जिससे शीतलाखेत या फिर अलमोड़ा जाये बिना कोसी पहुँच सकते हैं। यहाँ से दिखती पहाड़ियों और उनकी विभिन्न लेयर्स को सफ़र में प्रकृति का रूप लगातार बदलती रहती है, और यह विविधता उन यात्रियों को ख़ुशनुमा एहसास देती है, जो पहाड़ी सफ़र के बाद ऊँघने ना लगे हो। 

क्वारब से अल्मोडा की ओर कुछ आगे बढ़ने पर, चढ़ाई में बसा एक छोटी बाज़ार मिलती है, जो लोधिया है, यहाँ पर कुछ रेस्टोरेंट और मिठाइयों की दुकानें मौजूद हैं। जो लोग अल्मोडा नगर क्षेत्र से मिठाइयाँ नहीं ख़रीद पाते वो यहाँ से ले लेते है। लोधिया के बाद पहुँचे करबला तिराहा, यहाँ से लेफ्ट नीचे को जाती सड़क अलमोड़ा की लोअर मॉल रोड नाम से जानी जाती है, और उप्पर को जाती सड़क  वो है अपर मॉल रोड।

देखिए इस यात्रा का वीडियो

https://youtu.be/x4r-jSQf4LM

 

जैसे जैसे सफ़र ऊँचाई की और बढ़ रहा है, सफ़र की रोचकता भी बढ़ती जा रही है।  इस सीरीज के अगले भाग में PopcornTrip के अल्मोडा से आगे की यात्रा में फिर मिलेंगे, आज के लिए यही तक, जल्दी पुनः मिलते है। धन्यवाद।

Haldwani to Almora Journey by Road

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Haldwani to Almora is about 3 hours journey, so here’s documentary for the people want to visit virtually or know the road condition and other information.
There are two route options to reach Almora from Haldwani-
a) via Bhimtal (approx 88 kms)
b) via Jyolikot (approx 95 kms)
in this journey we choose shorter route ie. via Bhimtal.

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